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थोड़ा ठहर जा ऐ ज़िंदगी
थोड़ा ठहर जा ऐ ज़िंदगी

थोड़ा ठहर जा ऐ ज़िंदगी

00:03:24
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हम अक्सर ज़िंदगी की भागदौड़ में उसमें छुपी ख़ूबसूरती को निहारना, उसे सराहना भूल जाते हैं। तो थोड़ा रुकिए। ये प्यारी-सी कविता जिसकी लेखिका हैं पारोमीता गोस्वामी। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/alpana-deo55/message

थोड़ा ठहर जा ऐ ज़िंदगी

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