Login to make your Collection, Create Playlists and Favourite Songs

Login / Register
Baad Ki Sambhavnayein Saamne Hain | Dushyant Kumar
Baad Ki Sambhavnayein Saamne Hain | Dushyant Kumar

Baad Ki Sambhavnayein Saamne Hain | Dushyant Kumar

00:02:06
Report
बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं / दुष्यंत कुमारबाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं,और नदियों के किनारे घर बने हैं ।चीड़-वन में आँधियों की बात मत कर,इन दरख्तों के बहुत नाज़ुक तने हैं ।इस तरह टूटे हुए चेहरे नहीं हैं,जिस तरह टूटे हुए ये आइने हैं।आपके क़ालीन देखेंगे किसी दिन,इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं ।जिस तरह चाहो बजाओ इस सभा में,हम नहीं हैं आदमी, हम झुनझुने हैं।अब तड़पती-सी ग़ज़ल कोई सुनाए,हमसफ़र ऊँघे हुए हैं, अनमने हैं ।

Baad Ki Sambhavnayein Saamne Hain | Dushyant Kumar

View more comments
View All Notifications