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Mareez Ka Naam | Usman Khan
Mareez Ka Naam | Usman Khan

Mareez Ka Naam | Usman Khan

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मरीज़ का नाम- उस्मान ख़ानचाहता हूँकिसी शाम तुम्हें गले लगाकर ख़ूब रोनालेकिन मेरे सपनों में भी वो दिन नहीं ढलताजिसके आख़री सिरे पर तुमसे गले मिलने की शाम रखी हैसुनता हूँकि एक नए कवि को भी तुमसे इश्क़ हैमैं उससे इश्क़ करने लगा हूँमेरे सारे दुःस्वप्नों के बयान तुम्हारे पास हैंऔर तुम्हारे सारे आत्मालाप मैंने टेप किए हैंमैं साइक्रेटिस्ट की तरफ़ देखता हूँवो तुम्हारी तरफ़और तुम मेरी तरफ़और हम तीनों भूल जाते हैं—मरीज़ का नाम!

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