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Prem Gatha | Ajay Kumar
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प्रेम गाथा | अजय कुमारप्रेमएक कमरे कोकैनवास में तब्दील कर केउसमें आँक सकता हैएक बादलजंगल में नाचता हुआ मोरएक गिरती हुई बारिशदेवदार का एक पेड़एक सितारों भरी रेशमी रातएक अलसाई गुनगुनाती सुबहसमुंदर की लहरों कोमदमदाता शोरप्रेम एक गलती कोदे सकता है पद्म विभूषणएक झूठ कोसहेज कर रख सकता है आजीवनएक पराजय कासहला सकता है माथाऔर हर प्रतीक्षा काकर सकता है आलिंगनपर प्रेम की नदी मेंअपमानों से बन सकतें है भंवरउपेक्षाओं से पड़ सकती हैंअदृश्य गांठेंतिरस्कारों से बेसुरा हो सकता हैउसके भीतर बजताराग यमन कल्याणकोई भी प्रेमबस अपनी अवेहलना नहीं भूलतासिर्फ़ भूलने काएक अभिनय कर सकता हैजिसका कभी भी हो सकता हैआकस्मिक पटाक्षेपआप यह याद रखिए

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