Login to make your Collection, Create Playlists and Favourite Songs

Login / Register
Varsh Ke Sabse Kathin Dinon Mein | Kedarnath Singh
Varsh Ke Sabse Kathin Dinon Mein | Kedarnath Singh

Varsh Ke Sabse Kathin Dinon Mein | Kedarnath Singh

00:02:04
Report
वर्ष के सबसे कठिन दिनों में | केदारनाथ सिंहअगर धीरे चलोवह तुम्हें छू लेगीदौड़ो तो छूट जाएगी नदीअगर ले लो साथवह चलती चली जाएगी कहीं भीयहाँ तक - कि कबाड़ी की दुकान तक भीछोड़ दोतो वही अंधेरे मेंकरोड़ों तारों की आँख बचाकरवह चुपके से रच लेगीएक समूची दुनियाएक छोटे से घोंघे मेंसच्चाई यह हैकि तुम कहीं भी रहोतुम्हें वर्ष के सबसे कठिन दिनों में भीप्यार करती है एक नदीनदी जो इस समय नहीं है इस घर मेंपर होगी ज़रूर कहीं न कहींकिसी चटाईया फूलदान के नीचेचुपचाप बहती हुईकभी सुननाजब सारा शहर सो जाएतो किवाड़ों पर कान लगाधीरे-धीरे सुननाकहीं आसपासएक मादा घड़ियाल की कराह की तरहसुनाई देगी नदी!

Varsh Ke Sabse Kathin Dinon Mein | Kedarnath Singh

View more comments
View All Notifications