Login to make your Collection, Create Playlists and Favourite Songs

Login / Register
Main Koi Kavita Likh Raha Hunga | Kailash Manhar
Main Koi Kavita Likh Raha Hunga | Kailash Manhar

Main Koi Kavita Likh Raha Hunga | Kailash Manhar

00:01:47
Report
मैं कोई कविता लिख रहा हूँगा | कैलाश मनहरमैं कोई कविता लिख रहा हूँगाजबसंसद में चल रही होगी बहसकि क्यों और कितना ज़रूरी हैबचाना कानून को ?कविता से, होने वाले खतरे परचिन्तितसत्ता और प्रतिपक्ष के सांसदकानून की मज़बूती के बारे मेंसोच रहे होंगे,वातानुकूलित सदन मेंबाहर कीउमस और गर्मी से बेख़बर ।मन्दिरों में गूँज रहे होंगे शंख और घड़ियालमस्जिदों में अज़ानेंकि शैतानअब कविता की शक़्ल में आया हैचर्च मेंप्रार्थना कर रहे होंगेयीशु के हत्यारे....ऐसा ही होगा शायदकि मैं कोई कविता लिख रहा हूँगाजबतोप के मुँह पर बैठी होगीचहकती चिड़िया.....

Main Koi Kavita Likh Raha Hunga | Kailash Manhar

View more comments
View All Notifications