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ज़ौक़ - अब तो घबरा के ये कहते है कि मर जाएँगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे
ज़ौक़ - अब तो घबरा के ये कहते है कि मर जाएँगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे

ज़ौक़ - अब तो घबरा के ये कहते है कि मर जाएँगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे

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रंग-ए-ग़ज़ल' के इस एपिसोड में सुनिए शायर ज़ौक़ की लिखी ग़ज़ल, जिसका नाम है 'अब तो घबरा के ये कहते है कि मर जाएँगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे'।

ज़ौक़ - अब तो घबरा के ये कहते है कि मर जाएँगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे

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